UCC क्या है, आज पुरा डिटेल में समझते हैं, UCC का मतलब होता है युनिफॉर्म सिविल कोड या फिर कहे तो समान नागरिक संहिता।
समान नागरिक संहिता नाम से ही आप समझ सकते हो, चाहे नागरिक किसी भी धर्म से हो या किसी भी समुदाय से हो सबके लिए कानून समान होगा,
कानून की बात की जाए तो UCC में शादी है, तलाक है, बच्चे गोद लेने की बात हो, लिविंग रिलेशन की बात हो या फिर संपत्ति की बात हो।
दरअसल समान नागरिक संहिता का कानून अधिकतर देश में लागू है, हमसे सटे हुए पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी यह कानून है और साथ ही अमेरिका जैसे विकसित देशों में भी यह कानून है उसके साथ-साथ सूडान, इजिप्ट, मलेशिया, तुर्की, आयरलैंड, इंडोनेशिया जैसे देश में भी समान नागरिक संहिता लागू है लेकिन हमारे देश भारत में ही केवल यह लागू नहीं है।
इस कानून में हमारे देश में सभी लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल रखी गई है और लड़कों की उम्र की बात की जाए तो लड़कों की उम्र 21 साल रखी गई है और एक बात शादी से पहले इसका रजिस्ट्रेशन मतलब पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
एक पत्नी के रहते दूसरी शादी अब नहीं कर सकते हैं लोग, अगर तलाक होता है तो महिला और पुरुष दोनों को ही समान अधिकार मिलेगा।
लिविंग रिलेशनशिप में अगर है तो इसका भी रजिस्ट्रेशन करना होगा और अगर लिविंग रिलेशन तोड़ना भी है तो यह भी कानून के तहत में ही होगा,
शादी के लिए क्या कानून है
शादी को लेकर बात की जाए तो यूनिफॉर्म सिविल कोड के अंतर्गत शादी का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है चाहे नागरिक किसी भी जाति का है या किसी भी धर्म का हो या किसी भी समुदाय से हो सभी लोगों को शादी करने से पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा शादी करने के लिए लड़कियों की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए और वहीं लड़कों की उम्र 21 वर्ष से उससे अधिक होनी चाहिए अब UCC के लागू होने के बाद लड़कियों को अपनी पढ़ाई या करियर बनाने में बहुत मदद मिलेगी और इस कानून के तहत अब खून के रिश्ते में शादी भी नहीं होगी जैसे बहन, मौसेरी बहन, चचेरी बहन, फुफेरी बहन, भांजी, भतीजी, मौसी, मां, बेटी, विधवा बहू इन सब से अब शादी नहीं कर पाएंगे लोग ।
तलाक के लिए क्या कानून है
UCC लागु होने पर तलाक के लिए भी रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा बिना रजिस्ट्रेशन के तलाक लेने पर इस कानून में दंड का प्रावधान है इसके साथ-साथ इस कानून में यह भी प्रावधान है कि कोई भी शादी का तलाक 1 साल तक नहीं होगा, शादी के 1 साल के बाद ही तलाक का रजिस्ट्रेशन होगा, इसमें सभी धर्म के लिए एक सा कानून होगा मुस्लिम धर्म में तीन तलाक, हलाला, इबादत जैसी प्रथाएं हैं इस कानून के आने के बाद इस प्रथाओं में पूरी तरह से रोक लगेगी।
बच्चे गोद लेने के लिए UCC में क्या कानून है
बच्चे गोद लेने की बात कही जाए तो इस कानून में अब दूसरे धर्म के बच्चे को गोद लेने की अनुमति नहीं है,
UCC में विधवा औरतें हो या चाहे अविवाहित महिलाएं हो इनको भी बच्चा गोद लेने का अधिकार होगा और शादीशुदा महिलाएं अपने पति की अनुमति से बच्चा गोद ले सकते हैं
और गोद लिए हुए बच्चे को भी उनकी संपत्ति का बराबर अधिकार मिलेगा और साथ में अवैध संबंध से भी जो बच्चा पैदा होगा उसको भी संपत्ति का बराबर का अधिकार मिलेगा
सम्पति को लेकर कानून में क्या है
यही UCC के तहत अब माता और पिता को अपने बच्चों की संपत्ति का बराबर अधिकार मिलेगा,
अगर किसी की मृत्यु होती है तो भी उसकी सम्पति में उसके माता-पिता और पत्नी और बच्चे को समान अधिकार मिलेगा।
लिविंग रिलेशनशिप में क्या है
अगर UCC पूरे देश में लागू होता है तो लिविंग रिलेशनशिप वालों को बहुत ही दिक्कत आने वाली है लिविंग रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों को पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा और वह भी माता-पिता के परमिशन के साथ,
और जब लिविंग रिलेशन खत्म करना होगा तो भी यह कानून के तहत होगा अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो इसमें 6 महीने तक की सजा का प्रावधान है।
CONCLUSION
हमने आपको जो यह UCC बारे में बताया है यह आपको कैसा लगा कमेंट में जरूर बताइएगा,
हम और भी आपके लिए नई नई जानकारी लेकर आर्टिकल अक्सर लाते रहेंगे।
UCC किस राज्य में लागू है ?
1947 के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां UCC लागू किया गया है।
भारत में UCC की क्या जरूरत है ?
भारत के सभी नागरिक चाहे वह किसी भी धर्म या समुदाय से हो उनको एक करने के लिए एक जैसा कानून जरूरी है।
समान नागरिक संहिता किस अनुच्छेद में है ?
23 नवंबर 1948 को संविधान में अनुच्छेद 44 के तहत UCC बिल को अपनाया गया था।